Gulzar ki shayari hindi mein, Gulzar ki shayari dard bhari, दोस्तों हम सभी को शायरियां तो पसंद होती हैं वैसे तो शायरियां बहुत से लेखकों की फेमस है पर कुछ ऐसे लेखक भी हुए हैं जिन्हें हम कभी भूल नहीं सकते उनकी शायरी हर किसी को पसंद आती है|
जैसे कि गालिब ,गुलजार की शायरी बहुत ज्यादा फेमस है ऐसे में हम आपको गुलजार की कुछ खास शायरियां आप लोगों के लिए लेकर आए हैं जिन्हें आप अपने मित्रों दोस्तों के साथ शेयर कर के खुद का और उनका मनोरंजन कर सकते हैं| Gulzar sahab ki shayari download.
शायरी क्या है ? What is shayari ?
दरअसल शायरी एक ऐसी विधा है जो की किसी भी प्रेमी या पति पत्नी अथवा किसी अन्य तरह के लोगो के अंतर्मन की आवाज होती है जो बहुत कम शब्दों में सम्पूर्ण दर्द अथवा ख़ुशी स्पष्ट हो जाती है |
शायरी एक प्रकार से किसी लम्बी कविता का सारांश होता है जो सम्पूर्ण भाव को कम शब्दों में गहराई में उतार देती है इसलिए अक्सर लोग अपनी अंतरात्मा की आवाज को शायरी के रूप में व्यक्त कर देते हैं |
शायरी लिखने वाला और पढ़ने वाला पूरी तरह से भावों को समझ जाता है क्योकि शायरी कविता का लघु रूप होता है शायरी लिखने वाला व्यक्ति शायर कहलाता है एक शायर रोमांटिक, दर्द भरी या खुशियों से भरपूर शायरी लिखता है|
किसी भी प्रकार की कविता ,शायरी मुक्तक या अन्य प्रकार की कविता शैली कवि के जीवन में घटने वाली घटनाओं से सम्बंधित एक करुण आवाज होती है | आईये इसी क्रम में कुछ गुलजार जी की शायरी यहाँ पर दी जा रही हैं जिनमे गुलजार जी अपने गहन अनुभव को प्रस्तुत किया |
गुलजार की शायरी हिंदी में :
शिकायत मौत से नहीं साहब अपनों से थी,
जरा सी आंखें क्या बंद हुई कब्र खोदने लगे|
दूरियां अच्छी लगने लगी हैं,
मुझे जबरदस्ती के प्यार में अब मन भर चुका है||
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किसी को पसंद आना बहुत आसान है,,
मगर हमेशा उसकी पसंद बने रहना बहुत मुश्किल है|
तुम्हें बस इग्नोर करना आता है कभी सोचा है,
सामने वाला कितनी उम्मीद से मैसेज करता है|
खोना नहीं चाहते थे,
तुम्हें इसलिए रिश्ते का नाम दोस्ती दे दिया है|
उठती ही नहीं ये निगाहें किसी और की तरफ एक
शख्स का दीदार हमें इतना पाबंद कर गया|
होगी कितनी चाहत उस दिन में जो
खुद ही मान जाए, कुछ पल खफा होने के बाद|
बहुत बड़ी महफिल थी हमारी
मगर जब अकेले हुए तो अकेले ही रह गए|
बस इसलिए हम कुछ कहते,
नहीं तुमसे तुम समझोगे नहीं और हम रो देंगे|
ऐसे ही नहीं बन जाते हैं,
गैरों से गहरे रिश्ते कुछ खालीपन तो अपनों ने ही दिया होगा|
तजुर्बा कहता है कि रिश्ते में फॉसला रखिए,
ज्यादा नज़दीकियां अक्सर दर्द देे जाते हैं|
तुम्हारा याद आना भी कमाल का होता है,
कभी आकर देखो हमारा क्या हाल होता है|
मालूम है पर मुझे ये मुमकिन नही,
पर एक आस सी रहती है कि तुम याद करोगे|
जरा सा भी नहीं पिघलता,
दिल तेरा इतना कीमती पत्थर कहां से खरीदा|
ज्यादा कुछ नहीं बदलता,
उम्र के साथ बस बचपन की जिद समझौते में बदल जाती हैं |
जिंदगी में कभी अपनेपन का पौधा लगाने,
से पहले जमीन परख लेना हर एक मिट्टी की फितरत में वफा नहीं होती|
समय रहते पूछ लिया करो कैसे हो कहीं,
ऐसा ना हो कि पूछना पड़ जाए कैसे हो गया है|
अब मत मिलना तुम दोबारा मुझे बहुत वक्त लगा है,
मुझे पहले जैसा बनने मे|
औरतों को हर वक्त कम अक्ल का ताना देने,
वाले लोग उसकी जरा सी अदा पर अपने अक्ल खो देते हैं|
वापस ले आया डाकिया मेरी चिट्ठी बोला,
पता तो सही था पर लोग बदल गए है|
कुछ तो रहम कर ये जिंदगी थोड़ा,
संवर जाने दे तेरा अगला जख्म भी सह लेंगे पहले वाला तो भर जाने दो|
मुझे मालूम था कि वो मेरा हो नहीं सकता,
मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गई उससे|
क्यों लूटेगा जमाना हमारी खुशियों,
को हम तो खुद ही खुशियां दूसरों पर लुटा कर जीते हैं||
खबर सबको थी मेरे कच्चे मकान की फिर,
भी लोगों ने दुआओं में बरसात ही मांगी |
DMCA चेतावनी : उपर्युक्त दी शायरी हमने इंटरनेट से संलग्न की है, इन शायरियों को गुलजार ने ही लिखा है, इस की प्रमाणिकता की पुष्टि हमारी बेवसाईट नही करती है, अत: यदि आपको इन शायरी में कोई कमी मिले तो कमेंट बॉक्स जरुर बताये जिससे इस लेख में संशोधन कर सके |