माँ शायरी / माँ शायरी 2 लाइन्स mother shayari

Maa shayri hindi me, maa attitude shayari  नमस्कार दोस्तों आईये, हम आज आपको माँ शायरिया बताने जा रहे है| आपने तो हर शायरिया पढ़ी होगी , मगर हम आपको ऐसी शायरी बताने जा रहे है, कि आपको बहुत अच्छी लगेंगी, और आप पत्नी पति शायरी , मम्मी पापा शायरी ,लड़का लडकी शायरी , और ऐसी बहुत सी शायरी होगी|

मगर अपने माँ शायरी सुनी या पढ़ी है अगर आप नही पढ़ी है तो हम आपको इस आर्टिकल के मध्यम से जरुर बतायेंगे|जो आपके दिल को जरुर छु जाएँगी|maa shayri birthday, maa shayri by gulzar

जो आप को बहुत प्रसंद आयेंगी। कभी  आपने आप को अकेला महसूस कर रहे है, तो हमारे दिए हुए  इस शायरी को पढ़ के अपना अकेला पन को दूर कर सकते है |

 

मांग लू यह दुआ की फिर यही जहाँ

फिर वही गोद मिले फिर वही माँ|

माँगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती, 

माँ के  पैरों  में ही तो वो जन्नत होती है|

 मैं भूल जाता हूं सारी जिंदगी की परेशानिया,

जब मेरी माँ अपने गोद मे मेरा सर रख लेती|

किसी को घर मिला हिस्से में या दुकान,

आई मैं घर मे सबसे छोटा मेरे हिस्से में आयी माँ|

हिस्से में या दुकान आई मैं घर मे सबसे छोटा मेरे हिस्से में आयी माँ|

  जो बना दे सारे बिगड़े काम माँ के चरणों मे होते चारो धाम|

 जिंदगी की पहली टीचर  माँ,
जिंदगी की पहली फ्रेंड माँ जिंदगी देने वाले भी माँ

अब भी चलती है,

जब अंधी कभी गम की माँ की ममता मुझे बाहो में छुपा लेती है

 वक्त ने सिखाया है,

अकेला चलना वरना हम तो माँ के बिना एक कदम भी नही चल पाते थे|

अपनी माँ से बेहद प्यार करने वालो के लिए खास पेश कस|

 माँ की दुआ जीवन को जन्नत बना देगी खुद  रोकर भी हमे हँसा देती है |

सारी दुनिया फ़िकर करना छोड़ सकती है

लेकिन मेरी मां नही ,

 सहर में आ कर पढ़ने वाले ये भूल,

गये किस की माँ ने कितना जेवर बेचा था||

किताबो से निकल कर तितलिया गजले सुनाती है,

टिफिन रखती है मेरी माँ बस्ता मुस्कुरता है

एक मुद्दत से मेरी माँ नही,

सोई मैंने एक बार कहा था मुझे डर लगता है|

जिन्दगी ने एक बात जरुर सिखाई माँ के सिवा कोई अपना नही है|

 फर्क नही  पड़ता की दुनियां क्या कहती है,

मै अच्छी हू ये मेरी माँ कहती है|

हर रिस्ते में मिलावट देखी  कच्चे रगों की सजावट देखी लेकिन सालो साल देखा है,

माँ को उसके चेहरे पे न थकावट देखी ना ममता में मिलावटदेखी|

 

मेरी प्यारी माँ ना की चाँद की चाहत,

ना तारो की फरमाइश हर जन्म तू मिले बस यही  ख्वाइश|

मेरी प्यारी माँ ना की चाँद की चाहत, ना तारो की फरमाइश हर जन्म तू मिले बस यही  ख्वाइश|

 माँ एक बात बताओ आखिर इतना बड़ा दिल कहा से पाया है,

तुमने जो हर बार अपने हिस्से का खाना अपने हाथो से खिलाया है हमको|

 माँ का दर्द जो बन्दा समझ गया,

उसको इस संसार में किसी की  भी जरूरत नही है|

सवरने की उसे कहा फुर्सत होती है,

माँ फिर भी बहुत खुबसुरत होती है|

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