Bewafa shayari नमस्कार दोस्तो,जैसा की हम जानते है जब किसी के प्यार में इंसान को धोका मिलता है। ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है। उनको उनका सच्चा प्यार नहीं मिलता और अपने आधे अधूरे प्यार के लिए जो दिल में दर्द रह जाता है.
जो आप किसी के साथ बोल के नहीं शेयर कर सकते।इसी दर्द को शायरी के माध्यम से व्यक्त करने के लिए आज हम आपके लिए लेकर आए कुछ चुनिंदा बेवफा शायरियो का संग्रह जिससे आप अपनी भावनाओ को आराम से बांट सकते है.
खास शायराना अंदाज सिर्फ हमारे पास
काम आ सकीं न अपनी वफायें तो क्या करें,
उस बेवफा को भूल ना जाएं तो क्या करें.
वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे.
तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है,
हम नहीं रोते लोग हमें देख कर रोते हैं.
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,
हमको जो भी मिला बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई मकसद का तलबगार मिला.
जाते जाते उसने पलटकर सिर्फ इतना कहा मुझसे,
मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊं.
वो बेवफा हमारा इम्तिहां क्या लेगी,
जब मिलेगी तो नजर झुका लेगी,
उसे मेरी कबर पर दीया जलाने को मत कहना,
नादान है अपना हाथ जला लेगी.
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी.
इस दुनिया में मोहब्बत काश न होती,
तो सफर ऐ-ज़िन्दगी में मिठास न होती,
अगर मिलती बेवफा को सजाए मौत,
तो दीवानों की कब्रे यूँ उदास न होती.
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली.
बहुत अजीब था वो हिज्र का आलम
कि तुझे अलविदा भी न कह सका,
तेरी मासूमियत में इतना फ़रेब था
कि तुझे बेवफ़ा भी न कह सका.
बिखरे हुए रिश्ते की कीमत ही क्या,
जब तोड़नेवाला ही न जानता हो,
बेवफ़ा से प्यार की उम्मीद ही क्या,
जब वो निभाना ही न जानता हो.
वो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल,
साफ साफ नहीं कहता मेरा शहर छोड़ दो.
मेरा साया भी मुझसे जुदा मिला,
सोचा तो हर किसी से मेरा सिलसिला मिला,
शहर-ए-बेवफा में किसे इश्क़-ए-वफ़ा कहें
हमसे गले मिले वो भी बेवफ़ा मिला.
बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी ऐ दिल-ए-जाना,
आज ज़रा वक़्त पर आना मेहमान-ए-ख़ास हो तुम.
मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद
आज वो भी बेवफा हो गाए शायद,
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था
मेरे ख्वाब मुझ पे रो गाए शायद.
बेवफ़ाई का मुझे… जब भी ख़याल आता है,
अश्क़ रुख़सार पर आँखों से निकल जाते हैं.
ऐ बेवफा तेरी बेवफ़ाई में दिल बेकरार ना करूँ,
अगर तू कह दे तो तेरा इंतेज़ार ही ना करूँ,
तू बेवफा है तो कुछ इस कदर बेवफ़ाई कर,
कि तेरे बाद मैं किसी से प्यार ही ना करूँ.
By हिमांशु पटेल
अपनी ही एक ग़ज़ल से कुछ यूँ ख़फ़ा हूँ मैं,
ज़िक्र था जिस बेवफ़ा का, वही बेवफ़ा हूँ मैं.
तू बेवफा होगी सोचा ही नहीं था
तू भी कभी खफा होगी सोचा ही नहीं था,
जो गीत लिखे थे कभी प्यार पर तेरे
वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था.
इजाज़त हो तो तेरे चहेरे को देख लूँ जी भर के,
मुद्दतों से इन आँखों ने कोई बेवफा नहीं देखा.
इस तरह हम उनसे वफ़ा कर बैठे
की वो हमारी बेवफाई को सह भी न पाये,
वो रोये हमसे लिपटकर किसी और के लिए
और हम उन्हें चुप करा भी न पाये.
जिस कदर तुमने भुला रखा है कभी सोचना,
हम सब छोड़कर निकले थे एक तेरी मोहब्बत के लिये.
कितना नाज़ था हमें तेरे प्यार पर,
आज वही प्यार ने शर्मिंदा कर दिया,
बहा था न कभी एक अश्क इन आँखों से
तेरे प्यार ने हमें आंसुओं का दरिया बना दिया.
उन्हो ने अपने लबो से लगाया और छोड़ दिया,
वे बोले इतना जहर काफी है तेरी कतरा कतरा मौत के लिए.
मेरी वफा के क़ाबिल नही हो तुम,
प्यार मिले ऐसे इन्सान नही हो तुम,
दिल क्या तुम पर ऐतबार करेगा,
प्यार मे धोखा दिया ऐसे बेवफा हो तुम.
तुमने ही बदले दिए सिलसिले अपनी वफाओं के,
वरना हम तो आज भी तुम से अज़ीज़ कोई नही.
यु तो कोई भी तनहा नहीं होता
छूट कर किसी से कोई जुदा नहीं होता,
मोहब्बत को मज़बूरिया ले डूबती है
वरना ख़ुशी से कोई बेवफा नही होता.
हम इश्क़ में वफ़ा करते करते बेहाल हो गए,
और वो बेवफाई करके भी खुशहाल हो गए.
दिल के दरिया मे धड़कन की कश्ती है,
ख्वाबो की दुनिया मे यादो की बस्ती है,
मोहब्बत के बाज़ार मे चाहत का सौदा,
वफ़ा की कीमत से तो बेवफ़ाई सस्ती है.
मेरी आँखों से बहने वाले न थमने वाले ये आँसूं ,
बार बार तुमसे तुम्हारी बेवफाई का कारण पूछ रहे हैं.
हम आशा करते है की आपको हमारी द्वारा पेश की गई बेवफा शायरियां बेहद पसंद आई होंगी। यदि आपका कोई कॉमेंट है तो हमारे कॉमेंट सेक्शन में जरूर बताएं और आप ये शायरियां अपने दोस्तो साथियों में जरूर शेयर करे और उन्हें भी कुछ चुनिंदा शायरियों के द्वारा अपनी भावनाओ को व्यक्त करने का अवसर दे.