Dilchasp shayari ? दोस्तों आज हम आप को बताने जा रहे है वैसे तो शायरियां बहुत होती है पर आज हम आप को पेश करने जा रहे है यदि आप को भी ये शायरियां पसंद होतोआप मेरे इस आर्टिकल को जरुर पढ़े तो आइये दोस्तों पढ़ते है कुछ दिलचस्प सयारियां .
बड़ा दिलचस्प है तेरी याद का सिलसिला,
कभी एक पल कभी पल पल कभी हर पल.
काश गुमराह दिल को यह मालूम होता की,
मोहब्बत उस वक्त तक ही दिलचस्प होती है जब तक नहीं होती.
हमसे दिलचस्प कभी सच्चे नहीं होते,
अच्छे लगते हैं मगर अच्छे नहीं होते.
चांद में दुनिया और बुजुर्गों में खुदा को देखो,
भोले इतनी तो अब यह बच्चे नहीं होते.
बहुत आएंगे तुम्हारी जिंदगी में दिलचस्प लोग,
लेकिन भुला ना पाओगे हमारे साथ गुजारे वह दो पल.
गलतफहमियां के सिलसिले आज इतने दिलचस्प हैं,
कि हर ईट सोचती है दीवार मुझ पर टिकी है.
हम बेकसूर लोग भी बड़े दिलचस्प होते हैं,
शर्मिंदा हो जाते हैं खता के बगैर भी.
बड़े दिल से स्वागत है बड़े रंगीन धोखे थे,
बोलो कि आज मैं जिंदगी शोले उठा लाई.
शायद किसी रोज उनसे मुलाकात होगी,
देखना दिलचस्प होगा कि किस शिकायत पर बात होगी.
देखना दिलचस्प होगा किसका पलड़ा भारी है,
एक और ख्वाहिश है दूसरी तरफ जिम्मेदारी है.
कभी फुर्सत मिले खुद से मिलेंगे,
सुना है कि बहुत दिलचस्प है.
जिंदगी में हमेशा सब की कमी बनो,
कभी किसी की जरूरत ना बनो,
क्योंकि जरूरतें तो हर कोई पूरी कर सकता है,
पर किसी की कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता.
ना तो पूरे मिल रहे हो ना ही खो रहे हो तुम,
दिन ब दिन और दिलचस्पी ले रहे हो तुम.
उससे पहले यह हवाएं रिहा कर दें वो
उसकी सांसों की महक को परख ले जल्दी.
यह कलम भी क्या लिखेंगे,
हमारी प्यार की कहानी तो पत्थरों पर लिखी जाएगी.
हमसे दूर जाओगे कैसे हमें भुलाओगे कैसे,
हम वह खुशबू हैं जो सांसों में बसते हैं.
खुद की सांसो को रोक पाओगे कैसे,
जिंदगी गवा कर भी जो जिंदगी मिले हैं,
हर खुशी गवा कर भी जो एक खुशी मिला है,
वह मांग लू तेरे लिए.
नहीं निभाने हो तो रिश्ते मत बनाओ,
अपने टाइमपास के चक्कर में कोई टूट जाता है.
आज भी अनसुलझी और दिलचस्प पहेली हो तुम मेरे लिए.
यूं तो एक ठिकाना मेरा भी है …. ऐ सनम,
पर तेरे बिना मैं गुमशुदा sa महसूस करता हूं.
जैसे बिन पंछी के घोंसला अधूरा सा लगता है,
वैसे ही अगर दिल में दया न हो,
तो सोने का दिल है छोटा सा लगता है.
खटकता तो उनको हूं साहब जहां मैं झुकता नहीं,
बाकी जिनको अच्छा लगता है वह कहीं झुकने भी नहीं देते.
शोर मचाने से शुर्खियाँ नहीं मिलती
साहब कर्म ऐसा कभी खामोशी भी अखबारों में छप जाए.
जब इंसान की जरूरत बदल जाती है,
तो उसका बात करने का तरीका बदल जाता है.
ऐसे बादशाह को गुलाम बना देते हैं,
मगर सब गुलामों को बादशाह बना देते हैं.
मोहब्बत और दोस्ती साबित नही की जाती ,
बस निभाई जाती है .
वक्त निकल जाने के बाद कदर की जाये तो ,
कदर नही अफशोस कहलाता है .
नजाने कोण सी शोहरत पर आदमी को नाज है ,
जब की आखिरी सफ़र के लिए भी ,
आदमी औरों का मोहताज होता है .
जो पक्षी किसी और के डेन का शौक़ीन हो जाए ,
तो उसे आजाद ही छोड़ देना चाहिए .
निष्कर्ष
दोस्तो आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा पेश की गई तो दिलचस्प शायरियां बहुत ही पसंद आई होंगी अगर आपको हमारी शायरी पसंद आई हो तो आपने दोस्ती में जरुर शेयर करें और अगर आपको कोई भी कॉमेंट हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं.