भैया दूज क्यों मनाया जाता है ? पूजन विधि एवं महत्व Why is Bhaiya Dooj celebrated?


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Bhai dooj kyu manaya jata hai? bhaiya dooj kaise banaya jata hai? भाई दूज क्यों मनाया जाता है ? भैया दूज पूरे देश भर में त्योहार के रूप में मनाया जाता है| और यह भाई दूज दीपावली के तीसरे दिन मनाया जाता है| भाई की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रहा जाता है|

bhaiya dooj kab hai,bhaiya dooj kyu manaya jata hai in hindi, सभी भाई अपनी बहनों को उपहार के रूप में अपना आशीर्वाद देते हैं|और हर बहन इस दिन अपने भाई की लम्बी उम्र की भगवान से प्रार्थना कराती है|

Bhai Dooj

और हर भाई अपनी बहन की रक्षा के किये हमेशा तैयार रहने के लिए वादा करते है| और हमेशा अपनी बहन की रक्षा के लिए तैयार रहते है|

भाई दूज की पूजन विधि क्या होती है ? What is the worship method of Bhai Dooj?

भाई दूज वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और तैयार हो जाएं जल्दी सबसे पहले भाई बहन मिलकर नियम का चित्रगुप्त बनाएं और दूतो की पूजा करें उसके बाद बहन अपने भाई को तिलक लगाती  हैं |

फिर थाली  में सिंदूर, पान, सुपारी , नारियल रखते हैं |और थाली में दीपक जलाकर रख देते है |और भाई की आरती उतारते है| और जो मिठाईयां पूजते हैं| वह बहन अपने भी को खिलाती है|

और इस पूजा की जो मिठाई होती है| वो सिर्फ भाई ही खा सकते है| कोई भी बहन नहीं खा सकती है | क्यूकि यह त्यौहार सिर्फ भाई का है |और भाई भी अपनी बहन को उपहार के रूप में आशीर्वाद देते है|

और उसे हमेसा खुश रखने का वादा करते है | और बहुत से भाई अपनी बहन के लिए अच्छा सा गिफ्ट लाते है | बहुत से बहनों के छोटे भाई होते है | वह अपनी बहन को कोई गिफ्ट नहीं देते वो कहते है | जब हम बड़े होंगे तो गिफ्ट देंगे|

भाई दूज कैसे शुरू हुआ ? और क्यों मनाया जाता है ? How did Bhai Dooj start? And why is it celebrated?

Bhai Dooj start

भैया के प्रति बहनों का श्रद्धा विश्वास का पर्व है, इस पर्व को हर साल कार्तिक मास में मनाया जाता है| भाई दूज मनाने की वजह बहुत कम लोगों को मालूम होगा भाई बहन को प्रेम का प्रतीक है|

यह पर्व दीपावली के तीसरे दिन मनाया जाता है |इस दिन सभी बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर लंबी आयु की कामना करती हैं|

भाई दूज का महत्व क्या होता है ? What is the significance of Bhai Dooj?

significance of Bhai Dooj

इस दिन सब से पहले सुबह उठ कर पुरे घर की साफ सफाई करते है, और घर को अच्छे से सजाते है| और जिन बहनों की शादी हो जाती है| वो अपनी ससुराल से अपने भाई के घर जाती है, और जो बहाने घर पर होती है|

वो अपने भाई के लिए घर पर ही व्रत रहती है | इस दिन भाई बहन के घर जाकर भाई को तिलक लगाती है, और भोजन कराते ब्रज मंडल में इस दिन बहन ने भाई के साथ यमुना स्नान करने जाते  हैं|

इस प्रकार जो भाई अपनी बहन के घर जाकर उसको आतिथ्य स्वीकार करते हैं| यमुना की प्रार्थना को यमराज स्वीकार किया है| तब बहन भाई का यह त्यौहार मनाया जाताहै|और यह त्यौहार बहुत ही प्रसिद्ध है, इस दिन सभी बहन और भाई बहुत खुश रहते है|

भाई दूज की शुभ मुहूर्त कब होता है ? When is the auspicious time of Bhai Dooj?

auspicious time of Bhai Dooj?

भाई दूज का त्यौहार गोवधर्न पूजा के दुसरे दिन मनाया जाता है | भाई दूज का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है | यह त्यौहार भाई – बहन के लिए बेहद खास होता है|

भाई दूज के दिन क्या करे ? और क्या ना करे ? What to do on Bhai Dooj? And what not to do?

इस दिन भाई को बहन के हाथ से बनाये गए भोजन का निरादर ना करे| इस दिन भाई  का दिया हुआ उपहार निरादर ना करे और अगर बहन ने भाई को उपहार दिया हो तो तो भाई को उस उपहार का निरादर नहीं करना चाहिए उसे  प्रेम पूर्वक रख लेना चाहिए|

इस दिन  बहन और भाई  को आपस में झगडा नहीं करना चाहिए| दोनों को आपस में प्रेम पूर्वक रहना चाहिते और  खूब सारी बाते और मस्ती करनी  चाहिए|  इस दिन किसी को एक दुसरे से कोई सिकवा सिकायत नहीं रखना चाहिए और हमेशा हशी ख़ुशी से रहना चाहिए|

इस दिन यमराज के नाम का दीपक जलाकर दहलीज के बहार रखे ऐसा करने से आप के भाई के जीवन की विघ्न बाधाएं समाप्त हो जयेंगी

इस दिन बहने उपाय के रूप में पहले ठाकुर जी को तिलक करेंगी| फिर अगर अपने भाई को तिलक करेंगी तो उस के भाई के जीवन में सुख शांति आ जाएगी|