Ashiqui shayari नमस्कार दोस्तो,आज हम बात करने वाले अशिको की आशिकी के बारे में जब दो ऐसे प्रेमी जोड़े जो एक दूसरे पर दिलो जान से मरते है।उनका प्रेम निस्वार्थ होता है।जैसा की सभी लोग जानते है.
जब हमें कोई पसंद आता है या अच्छा लगने लगता है तो हम उसके लिये कुछ भी करने के लिये तैयार हो जाते हैं।जैसे कि कोई व्यक्ति किसी के लिये सारी दुनिया से लड़ने के लिये तैयार रहता है ये होती है आशिकी तो आज हम आपके लिए लेकर आए है मस्त आशिकी शायरी.
खास शायराना अंदाज सिर्फ हमारे पास
जन्नत-ए-इश्क मैं हर बात अजीब होती है,
किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है.
किस क़दर मासूम से लहजा था उनका फ़राज़,
धीरे से जान कहे कर हमें बेजान कर गया.
तेरे शहर में आके बेनाम हो गए
तेरी चाहत में अपनी मुस्कान हो खो गए,
जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे
की जैसे तेरी आशिकुई के गुलाम ही हो गए.
झुकाया तुने झुके हम बराबरी ना रही,
ये बन्दगी हुई ऐ दोस्त आशिकी ना हुई.
एक आदत सी हो गयी है चोट खाने की
भीगी हुए पलकों संग मुस्कुराने की,
काश अंजाम वफ़ा का पहले ही जानते
तो कोशिश भी नहीं करते दिल लगाने की.
तमन्ना से नहीं तन्हाई से डरते है
पियार से नहीं रुसवाई से डरते है,
मिलने की चाहत तो बहुत है मगर
मियन के बाद की जुदाई से डरते है.
रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे
करे तो क़यामत तक जुदा न करे,
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में
लेकिन जी भी नहीं पाता तन्हाई में.
समुंदर बहा देने का जिगर तो रखते है लेकिन,
हमें आशिकी की नुमाइश की आदत नहीं है दोस्त.
अर्ज़ किया है-
तुझसे दूर जाने का इरादा ना था
सदा साथ रहने का भी वादा ना था,
तुम याद ना करोगे थे जानते थे हम
पर इतनी जल्दी भूल जाओगे अंदाजा ना था.
By हिमांशु पटेल
न खबर होगी तुम्हे मेरी आशिकी की,
सुना है सांसो की हद सिर्फ मौत होती है.
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है
ज़रूरी नहीं के वो बेवफा होता है,
दे कर आपकी आँखों में आंसू
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है.
हमें भी याद रखें जब लिखों तारीख गुलशन की,
की हमने भी लुटाया है चमन में आशियां अपना.
हमारे जख्मो की वजह भो वो है
हमारे जख्मो की दावा भी वो है,
नमक जख्मो पे लगाये भी तो किया हुआ
मोहब्बत करने की वजह भी तो वो है.
मैने ईश्क करने का मिजाज बदल दिया है,
अब तो बस तन्हाईयों से आशिकी करते हैं.
दर्द है दिल में पर एहसास नहीं होता
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में
और वो कहते है इस तरह से प्यार नहीं होता.
जन्नत-ए-इश्क मैं हर बात अजीब होती है,
किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है.
समुंदर बहा देने का जिगर
तो रखते है लेकिन,
हमें आशिकी की नुमाइश की
आदत नहीं है दोस्त.
ज़िन्दगी आशिकों की आफत में,
सजा मिली उनको इश्क मोहब्बत में.
कोई देखे नही आशिकी उम्र भर
मनाती रही मै नाखुशी इस कदर,
नाम उसका लबों पर ना आया कभी
यूँ निभाती रही आशिकी उम्र भर.
दिसंबर की सर्दी है तेरी आशिकी जैसी,
याद भी करूँ तो पूरा बदन कांपता है.
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते हैं
झुकी निगाह को इनकार कहते हैं,
सिर्फ पाने का नाम इश्क नहीं
कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं.
आशिकी की किताब का एक उसूल बताते हैं,
मुड़ कर देखा तो इश्क़ माना जाएगा.
इशारों में बात करनी थी तो पहले बताते,
हम शायरी को नही आँखों को सजाते.
इस कदर तुझ से प्यार हुआ
की हम बन बैठे आशिक,
तुम ही बता दो ए बेवफा
क्या कमी थी मेरे प्यार में आखिर.
मैने ईश्क करने का मिजाजबदल दिया है,
अब तो बस तन्हाईयों से आशिकी करते हैं.
उनकी चाल हीकाफी थी इस दिल
के होश उड़ने के लिए,
अब तो हद हो गयी जब से वो
पाँव में पायल पहनने लगे.
फ़ुलो के साथ कांटे नसीब होते है
खुशी के साथ गम भी नसीब होता है,
यु तो मजबुरी ले डुबती हर आशिक को
वरना खुषी से बेवफ़ा कौन होता है.
बच बच के निकले बिजली फिर भी गिरी,
आशियां बचाया तो मगर बचाना फिजुल था.
कितनी है आशिकी तुमसे ये कह नहीं पाते
बस इतना कह सकते हैं के
तुम बिन रह नहीं पाते.
फूल हूँ गुलाब का
चमेली का मत समझना,
आशिक हूँ आपका
अपनी सहेली का मत समझना.
सुन्दर चेहरे के लिए आशिक़ो की कमी नहीं
तलाश तो उसकी है जो दिल से प्यार करे.
हम आशा करते है की आपको हमारी द्वारा पेश की गई आशिकी शायरी बेहद पसंद आई होंगी। यदि आपका कोई कॉमेंट है तो हमारे कॉमेंट सेक्शन में जरूर बताएं और आप ये शायरियां अपने दोस्तो साथियों में जरूर शेयर करे और उन्हें भी कुछ चुनिंदा आशिकी शायरियों का आनंद उठाने का अवसर दे.