Intezaar shayari नमस्कार दोस्तों,किसी का इंतज़ार करना बहुत मुश्किल कार्य होता है।हम अगर किसी से प्यार करते है और उसके वापस आने का इंतज़ार करते रहते है सच्चा प्यार को पाना आसान नहीं है,भले ही आप उसे अच्छी तरह से खोजने की कोशिश करी हो.
ऐसा अक्सर देखा गया जब आप प्यार की तलाश मैं होते हैं तब यह नहीं मिलता, आप किसी की चाहत मैं जितना भी तड़प लें, कईं बार तो ये बहुत ही Intezaar के बाद ही मिलता है। आपको अंदर से लगता है की आपका इंतज़ार करना व्यर्थ है.
उसी इंतजार पे कुछ इंतजार शायरियां पेश है.
खाश शायराना अंदाज सिर्फ हमारे पास
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे.
किसी रोज़ होगी रोशन मेरी भी ज़िंदगी,
इंतज़ार सुबह का नहीं तेरे लौट आने का है.
रात क्या होती है हमसे पूछिए,
आप तो सोये सवेरा हो गया.
ये जो पत्थर है आदमी था कभी,
इस को कहते हैं इंतज़ार मियां.
आप करीब ही न आये इज़हार क्या करते,
हम खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
साँसे साथ छोड़ गयीं पर खुली रखी आँखें,
इस से ज्यादा किसी का इंतज़ार क्या करते.
हर आहट पर साँसें लेने लगता है,
इंतज़ार भी भला कभी मरता है.
बस यूँ ही उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले,
लौट के कब आते हैं छोड़ कर जाने वाले.
हालात कह रहे हैं मुलाकात नहीं मुमकिन,
उम्मीद कह रही है थोड़ा इंतज़ार कर.
ऐ मौत उन्हें भुलाए ज़माने गुजर गए,
आ जा कि ज़हर खाए ज़माने गुजर गए,
ओ जाने वाले आ कि तेरे इंतजार में,
रास्ते को घर बनाए ज़माने गुजर गए.
दिन भर भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के,
न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है.
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे.
वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी,
इंतज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे.
आँखों ने जर्रे-जर्रे पर सजदे लुटाये हैं,
क्या जाने जा छुपा मेरा पर्दानशीं कहाँ.
खुद हैरान हूँ मैं अपने सब्र का पैमाना देख कर,
तूने याद भी ना किया,
और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा.
कल भी तुम्हारा इंतज़ार था,
आज भी तुम्हारा इंतज़ार है,
और हमेशा तुम्हारा ही इंतज़ार रहेगा.
तुम्हारी यादों पर इख़्तियार हो नही सकता,
लौट आओ के अब इंतज़ार हो नही सकता.
इंतज़ार के इन लम्हों में,
ज़माना ना जीत जाए,
इंतज़ार करते-करते कहीं,
ज़िन्दगी ना बीत जाए.
उम्मीद भी बड़े कमाल की चीज़ होती है,
सब्र गिरवी रख इंतज़ार थमा देती है.
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे.
वादा है खुद से अगर तुम ना मिली इतना दूर चला जाऊंगा तुझसे,
फिर इंतजार करती रह जाओगी,
कभी ना मिल पाऊंगा तुझसे.
हम इस इंतज़ार में रह गए कि वो हमें इंतज़ार नही करवाएँगे,
हमें क्या खबर थी कि वो खुद ही हमारा इंतज़ार कर रहे थे.
मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा,
तुम मेरे रूह में समाये हुए हो,
तुमको कैसे मैं भुलाऊँगा.
सालों तक इंतजार किया है मैंने तेरा,
इतनी आसानी से तुझे कैसे खो दू,
चला था कभी जिन राहों पर,
आज उन राहों पर कांटे मैं कैसे बो दू.
मेरे मरने के बाद मुझे जलाना मत दफ़ना देना,
जो अगर खोली उसने कभी कब्र मेरी तो उसे इंतज़ार करता मिलुंगा.
काश इंतज़ार इश्क़ का पैमाना होता,
तब उन्हें बताते इश्क़ कितना करते हैं हम.
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है.
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे.
सर्द शाम की निग़ाह में भी किसी का इंतज़ार था,
मुड़ मुड़ के वो भी देखती रही रास्ता किसी का.
वो इंतज़ार भी क्या जिसमें कोई बेसब्री ना हो,
वो प्यार भी क्या जिसमें कोई दिलचस्पी ना हो.
तेरी फ़ुरसतों के इंतज़ार में,
हम ख़ुद से भी दूर दूर हुए,
पानी जो बरसा मेरी आँखों से,
पिघली स्याही हर्फ़ मेरे काफूर हुए.
इक पल गुज़रता नहीं था तेरे बिना,
इक उम्र कट रही है तेरे इंतज़ार में.
एक अरसा गुज़र दिया मैने तेरे इंतज़ार में,
एक अरसे से तूने मुझे मुड़कर नहीं देख.
कभी मिलो तो ऐसे ना मिलना कि,
तू सामने हो और तेरा इंतज़ार हो.
एक बार मुड़कर तो देखा होता,
आंखें आज भी तेरा इंतज़ार करती है,
सुबह शाम हर पहर,
खुदा से ये तेरे लिए ही फरियाद करती है.
आशा करते है की आपको हमारी द्वारा पेश की गई इंतजार शायरी बेहद पसंद आई होंगी। यदि आपका कोई कॉमेंट है तो हमारे कॉमेंट सेक्शन में जरूर बताएं और आप ये शायरियां अपने दोस्तो साथियों में जरूर शेयर करे और उन्हें भी कुछ चुनिंदा इंतजार शायरियों का आनंद उठाने का अवसर दे.